Tuesday, October 28, 2025
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Hisaab Barabar Movie Review: क्या R. Madhavan की फिल्म आपके समय के लायक है?

Hisaab Barabar: कहानी की झलक


फिल्म “Hisaab Barabar”, जो हाल ही में Zee5 पर रिलीज़ हुई है, एक ऐसे आदमी की कहानी है, जो भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्टर है और एक करप्ट बैंकिंग सिस्टम से लड़ाई करता है। राधे मोहन शर्मा (R. Madhavan) को एक छोटी-सी गड़बड़ी के कारण उनकी बैंक द्वारा ठगा जाता है। उनकी बारीक नज़रें और सही-गलत की पहचान उसे 2400 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का पर्दाफाश करने की ओर ले जाती है।

पर सवाल यह है: क्या एक आम आदमी एक ताकतवर बैंक को ध्वस्त कर सकता है?

फिल्म की खूबियां और खामियां

खूबियां:

  1. समाज से जुड़ा मुद्दा:
    फिल्म एक बहुत ही प्रासंगिक विषय पर आधारित है। यह दिखाती है कि कैसे छोटी-छोटी ग़लतियां बड़े घोटालों में तब्दील हो जाती हैं।

  2. R. माधवन का प्रदर्शन:
    R. माधवन ने अपने किरदार में ईमानदारी से काम किया है। उनका अभिनय फिल्म को आगे बढ़ाने में मदद करता है।

  3. मिडल क्लास का मुद्दा:
    फिल्म भारतीय मध्यम वर्ग की समस्याओं पर रोशनी डालती है, जो अक्सर ऐसे मामलों को अनदेखा कर देता है।

खामियां:

  1. कमज़ोर स्क्रीनप्ले:
    फिल्म का पहला भाग धीमा है और कहानी में कोई ठोस प्रगति नहीं होती।

  2. जबरदस्ती का कॉमेडी तड़का:
    सामाजिक संदेश को हल्का बनाने के प्रयास में, फिल्म में जबरदस्ती कॉमेडी जोड़ दी गई है, जो न तो मजेदार है और न ही प्रभावी।

  3. संगीत और पृष्ठभूमि स्कोर:
    फिल्म का संगीत औसत दर्जे का है और बैकग्राउंड स्कोर कहानी को और भी हल्का बना देता है।

कलाकारों का प्रदर्शन

  • R. माधवन:
    फिल्म का भार पूरी तरह से उनके कंधों पर था, और उन्होंने अपनी ओर से बेहतरीन कोशिश की है।

  • कीर्ति कुल्हारी:
    उनके किरदार में मजबूती और नाजुकता का संतुलन था, लेकिन उनका किरदार उतना गहराई भरा नहीं था।

  • नील नितिन मुकेश:
    बैंक के मालिक मिकी मेहता के रूप में, नील नितिन मुकेश का प्रदर्शन प्रभावित नहीं करता।

  • रश्मि देसाई:
    उनके किरदार “मोना लिसा” का फिल्म की कहानी पर कोई खास असर नहीं है।

निर्देशन पर नज़र

डायरेक्टर अश्विनी धीर ने एक मजबूत प्लॉट चुना था। फिल्म का ट्रेलर वादा करता था कि यह एक पावरफुल सोशल-ड्रामा होगी। लेकिन इसे हल्का और मनोरंजक बनाने के चक्कर में यह एक “सर्कस” बन गई। ‘3 इडियट्स’ की तरह कॉमेडी का तड़का लगाने की कोशिश की गई, लेकिन वह प्रभावी नहीं हो पाई।

देखें या ना देखें?

फिल्म एक बार देखी जा सकती है, लेकिन इसे प्राथमिकता देना जरूरी नहीं। यदि आप परिवार के साथ हल्के-फुल्के मनोरंजन के लिए कुछ देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म ठीक-ठाक है।

निष्कर्ष

“Hisaab Barabar” एक अच्छी सोच के साथ बनाई गई फिल्म है, लेकिन इसे सही ढंग से निष्पादित नहीं किया गया। अगर आपको सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में पसंद हैं, तो इसे एक बार देख सकते हैं। लेकिन यदि आप शानदार सिनेमाई अनुभव की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है।

क्या आपने “Hisaab Barabar” देखी? अपनी राय नीचे कमेंट में शेयर करें!

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